बुधवार, 28 फ़रवरी 2018

मौला

मैंने उड़ान भरी
पंछियों की तरह 
मैंने नृत्य किया 
सूफ़ियों की तरह 
मेरी देह 
मिट्टी की हुई 
उड़ी,
लचकी,
ढह गई


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मैं सजदा करूँ,
मुझे थाम लेना मौला
मैं बिछड़ जाऊँ,
मुझे खोज लेना मौला
मैं भूलूँ,
तुम न भूलने देना
मेरा चेहरा,
तेरी ही पहचान मौला।


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तू ही रंग 
तू ही बेरंग 
तुझसे प्रेम 
तुझसे ही जंग 
मैं इक परछाई 
बेनूर 

तेरे बिन मौला 
आ, रंग मुझे
तेरे रंग मौला 
इस वजूद को 
जलवा दे मौला 



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