एक पाती आती है,
मैं आकाश चूमना चाहता हूँ,
आभासी है आकाश, महसूस होने से परे
मैं धरती चूम लेता हूँ.
एक पाती आती है,
मैं नदी को गले लगाना चाहता हूँ,
चुलबुली है नदी, रूकती नहीं कहीं,
मैं पत्नी से लिपट जाता हूँ.
एक पाती आती है,
मैं घने वृक्ष सा झूमना चाहता हूँ,
झड चुके हैं पत्ते,
मैं बच्चों को निकटतम खींच लेता हूँ,
फिर करता हूँ प्रतीक्षा,
और एक पाती आये...!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें