गुरुवार, 18 जुलाई 2024

जागृति की शादी - पार्ट 3




17 जुलाई - जब फूलों से सजी जागृति 

दरबार से बाहर निकले तो ढोल बाजे बजने लगे, आतिशबाज़ी होने लगी।शादियों वाले अटपटे नाच भी हुए। जागृति अपने लिए यह सब देख कर ख़ूब ख़ुश हो गई, उसकी पिछले चार दिन से चल रही भाग दौड़ की थकान मिट गई। 

इसके बाद सब लोग शांताई होटल में गए, जागृति और ओम के द्वारा मावा केक काटा गया। फिर सबने खाना खाया, लोग नाचे गाए, बड़ी शानदार पार्टी हुई। यहाँ कुछ स्पेनिश लोग भी शामिल थे, उन्होंने फ्लामेंको डांस किया। 
 एक खूबसूरत यादगार शाम जीवन का हिस्सा बन गई। 

17 जुलाई 1999 को मेंहदी की रस्म हुई और एक नई रस्म हुई, सगरी, जिसे जागृति नहीं जानती थी। ओम के परिवार की औरतें अपने साथ फूलों के गहने और मेकअप का सामान लेकर आईं, फिर जागृति का इन गहनों से शृंगार किया, ओम को भी फूलों के गहनों से सजाया गया। लाॾे यानि कुछ शादी गीत गाए गए। बहुत सारे फ़ोटो लिए गए। परिवार के लोगों के बीच हुई इस रस्म के साथ ही एक और सुंदर दिन सबके दिलों में बस गया।  
अब जागृति कारगिल पर की गतिविधियों से अनजान हो गई। 

-पूजा अनिल 

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