चेहरे की झुर्रियाँ बता रहीं थीं
कि आत्मा पर
अनावश्यक अनिचछाओं का बोझ है ।
अपने सुंदर सलोने रूप के
तुलनात्मक अनुपात में सोचूँ
तो आत्मा अनन्त गुना सुंदर होनी चाहिये ।
मैं समझती हूँ कि
अनिचछाओं ने किया त्वचा को झुररीदार
और ह्रदय को अपवित्र।
मुझे माफ़ करना ईश्वर!
मैं उतनी पवित्र और स्वच्छ-सुंदर आत्मा
तुम्हें नहीं लौटा पाऊँगी
जैसी तुमने उस अबोध कन्या को
धरती पर भेजते हुए भेंट की थी।
-पूजानिल