शुक्रवार, 25 मार्च 2011

प्रेम राग

1 .
जाने क्यों...!!
मुझे लगता है कि
मैं नहीं तो उदास हो तुम.
हो सकता है तुम उदास ना हो,
पर अब `तुम` और `मैं` में
फर्क करना आसान नहीं पाती.

जानती हूँ तुम अब आवाज़ नहीं दोगे,
नहीं कहोगे कुछ,
इसीलिए बिना बताये,
मैं चली आती हूँ, तुम्हारे ख्यालों में...
संगीत जहां,
मुझे ढूँढने का गूँज रहा होता है.
मैं उसकी ताल पर झूमती हूँ, लहराती हूँ
और
बिना रूकावट चख लेती हूँ तुम्हारी आँखों को.
तभी जान पाती हूँ कि
सागर छलकने से पहले,
प्रेम पगे आंसुओं का स्वाद मीठा होता है,

2.
जाने क्यों...!!
मैं चाहती हूँ कि
तुम्हारी बातों में मेरा समावेश
इतना कोमल हो कि, एकाकार होने का ,
प्रमेय संक्षिप्ततर ना रहे
मैं फ़ैल जाऊं उन सारी जगहों में,
जहां तुमने कभी लगाया हो
कोई पूर्ण अथवा अर्ध विराम
और
तुम उस नज़ाकत से समेट लो मुझे,
जैसे जाता हुआ सूरज
समेटे अपनी किरणें.

3.
जाने क्यों...!!
सब फासले हवाओं में
तिरा देने के बाद भी ,
और
तुम्हारी पलकों तले
सिमट आने के बाद भी
बचता है एक रेतीलापन और शुष्कता.
तब,
ना चाहते हुये भी,
कठोरता अपनाते हुये,
पूरे निश्चय से पूछना चाहती हूँ तुमसे...
"क्या ज़ुबां की खुश्की,
रेगिस्तान की शुष्कता से कम हुआ करती है?"

12 टिप्‍पणियां:

  1. अच्छे भाव...True Emotions.. लिखती रहें मेरी धेर सारी शुभकामनाएं और बधाइयां....

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  2. बहुत सुंदरता से भावों की अभिव्यक्ति की है, पूजा.

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  3. "क्या ज़ुबां की खुश्की,
    रेगिस्तान की शुष्कता से कम हुआ करती है?"

    हम भी कभी कभी सोचते हैं ये बात...

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  4. गंभीर अर्थ समाहित है कविता में

    एकाकार की भावना के आवेग का प्रचुर समावेश दिखाई दे रहा है..........
    प्रयास की निरंतरता बनी रहे इस हेतु परमपिता परमेश्‍वर की कृपा आप पर सदैव बनी रहे

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  5. अत्यधिक सुन्दर भावना और उतनी ही सुन्दर और अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति,
    बधाई इस बेहतरीन भावाभिव्यक्ति पर ............

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  6. सुन्दर और अर्थपूर्ण अभिव्यक्ति| धन्यवाद|

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  7. kya baat hai pooja .............just feeling the "feelings" .............that's all .

    itni komlata ,mitaash ,sushkta ki shikaayat bhi is najaakat se.......... ki bs padhne waale ka dil bhi tum se pyaar karne lage .
    may god bless u with more sensitivity to create such masterpiece in your life .
    aameen .

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  8. आँखों को चखना और प्रेम पगे आंसुओं का स्वाद मीठा होता है, का प्रयोग नयापन लिए है।

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