सोमवार, 21 दिसंबर 2009

झूलमझूली

झूला झूलने की है ठानी ,
झूले पर बैठी गुडिया रानी ,
मन में आया तेज चलाऊं ,
ऊँची थोडी पेंग बढ़ाऊं ,
माँ ने बोला, धीरे चलाना ,
तेज गति से गिर ना जाना ,
पर उसने ना माँ की मानी,
करती रही अपनी मनमानी ,
तेज उडाने से वो पलटी,
गिरी धरा पर होकर उलटी ,
आंसू टप टप ढुलके आयें ,
नानी की उसे याद दिलाएं,
माँ ने प्यार से गोद उठाया,
उसे चूम कर गले लगाया,
बड़ी प्यारी मेरी गुडिया रानी,
बोलती हंसकर मीठी बानी.

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