झूला झूलने की है ठानी ,
झूले पर बैठी गुडिया रानी ,
मन में आया तेज चलाऊं ,
ऊँची थोडी पेंग बढ़ाऊं ,
माँ ने बोला, धीरे चलाना ,
तेज गति से गिर ना जाना ,
पर उसने ना माँ की मानी,
करती रही अपनी मनमानी ,
तेज उडाने से वो पलटी,
गिरी धरा पर होकर उलटी ,
आंसू टप टप ढुलके आयें ,
नानी की उसे याद दिलाएं,
माँ ने प्यार से गोद उठाया,
उसे चूम कर गले लगाया,
बड़ी प्यारी मेरी गुडिया रानी,
बोलती हंसकर मीठी बानी.
अरे वाह!
जवाब देंहटाएंबहुत प्यारा बाल-गीत है यह तो!
maa ki mamta ka smaran karati bahut hi sundar kavita...
जवाब देंहटाएंbahut achchi kavita pahley hme kyon nahi bheji ,hm naaraj hain .
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