शनिवार, 14 जून 2025

माँ को प्रणाम

 


यह जीवन बेहद unpredictable होता है। कभी इतना लंबा कि समाप्त ही नहीं होता और कभी इतना छोटा कि समय से पहले ही खत्म हो जाता है। माँ बाद वाली कैटेगरी में हैं। समय से पहले ही इस दुनिया से चली गईं। मैं चाहती हूँ कि वे लौटकर आएँ और एक लंबा जीवन जीते हुए फिर से मुझ पर अपने प्यार की बरसात करें। मगर  दुख की बात है कि ऐसा होता नहीं है। इस दुनिया से जाने के बाद कोई लौटता नहीं है। हम नियति से बँधे हुए हैं और  यही स्वीकार करने को बाध्य हैं। लेकिन ईश्वर को बताना चाहती हूँ कि माँ जैसा प्रेम करतीं थीं, ऐसा अनमोल प्रेम कहीं और नहीं मिल सकता।  इसलिए दुनिया भर की अच्छी अच्छी माँओं को लंबा जीवन दिया करे। 


दिल से जुड़ी हुई, बस यादें रह जाती हैं जो एहसास दिलाती हैं कि माँ चाहे किसी भी दुनिया में हों लेकिन वे आज भी अपना आशीर्वाद दे रही हैं। यह जीवन उनकी देन है, हमारे लिए एक अनमोल उपहार है। लव यू एंड मिस यू मम्मा। ❤️❤️


मीठी चुपड़ी गुड़ की रोटी जैसी माँ,  

हरित धनिए वाले परांठे जैसी माँ, 

स्वाद की पोटली, प्यार की बारिश,

और साहसी नदी सी मेरी प्यारी माँ। 


माँ की पाँचवी पुण्यतिथि पर कोटि कोटि नमन है उन्हें।  🙏🙏🌹🌹

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