यह अतिशयोक्ति तो नहीं कि
जिस मुख से तुमने अनगिन वैरायटी की चाय का स्वाद लिया
उसी मुख से अपने अनगिन प्रेम की कहानियां भी कहीं
आधी दुनिया जान गई कि तुम
चाय और प्रेम का नशा करते हो,
बाक़ी आधी दुनिया ने
तुम्हारे अलबेले क़िस्से सुन
किसी जादुई नशे में
तुम्हें ईश्वर मान, स्वायत्त समर्पण कर दिया।
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