गुरुवार, 24 जून 2010

कटोरी आज भी खाली है.......

बच्चे चाहे जितने भी बड़े हो जाएँ, माँ का प्यार अपने बच्चों के लिये कभी कम नहीं होता. शादी के समय बेटी की विदाई माँ के लिये जितनी दुखदायक होती है, उतनी ही तकलीफदेह बेटी के लिये भी होती है. शादी के बाद कुछ साल माँ से दूर रही एक बेटी अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुये माँ से अपने दिल की बात कह रही है साथ ही साथ माँ के दिल की बात भी उस से छुपी नहीं है.





1 ) इन आँखों को छिपाना नहीं आता कुछ,
अब जब भी मिलती हूँ तुमसे.
ना चाहते हुये भी कह देती हो तुम,
कि काश! तुम अब भी गुड़िया सी होती
और हम तुम साथ खेल पाते.....
किसी अंतराल के बिना....


2 ) तुम्हारे
मुस्कुराते होंठ
और
नम आँखें
अलग अलग कहानी कह रहे थे
तुम भी कहाँ समझ पाई कि,
बेटी ब्याहने की ख़ुशी अधिक थी तुम्हे,
या विदा करने का दुःख......

3 ) अपना सारा प्यार उड़ेल कर
उस छोटी कटोरी में तेल गर्म करके,
मेरे बालों में मालिश कर दिया करती थी,
तुम्हारे प्यार भरे छुअन को तरसती,
वो कटोरी अब खाली रहती है.....

4 ) गालों पर लुढ़कते मोती,
समेटने की कोशिश में,
नैनों का बाँध छलक आया.
तुमसे मिलने
और
बिछड़ने की प्रक्रिया में,
हर बार मिले आंसूं
और
हर बार हम गले मिलकर खूब रोये ...

11 टिप्‍पणियां:

  1. तुम्हारे प्यार भरे छुअन को तरसती,
    वो कटोरी अब खाली रहती है.....
    सारा दर्द सिमट आया है।सुन्दर अभिव्यक्ति।

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  2. तुम भी कहाँ समझ पाई कि,
    बेटी ब्याहने की ख़ुशी अधिक थी तुम्हे,
    या विदा करने का दुःख.....

    तुम्हारे प्यार भरे छुअन को तरसती,
    वो कटोरी अब खाली रहती है.....
    सारा दर्द सिमट आया है।सुन्दर अभिव्यक्ति।
    पंम्क्तियाँ आँखें नम कर गयी। बहुत अच्छी रचना बधाई

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  3. अभी कुछ कह पाने कि हालत में नहीं हैं...

    इस पोस्ट पर ममता कविताओं और चित्र में इतना बेबस कर रही हैं कि कुछ कहते नहीं बन रहा...
    माँ अब भी है,
    बस...अब उनसे मालिश नहीं हो पाती हमारी...आजकल बुआ जी आई हुई हैं..और वो ही सब कुछ करती हैं हमारा...

    कभी कभी शर्म भी आती है......जब वो हमारी सेवा एकदम नन्हे मुन्ने कि तरह करती हैं ...
    बस,
    सोचते रह जाते हैं..कितना थक जाती होंगी वो...?

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  4. bahuut pyaari rachna hai dear..... diil ko choo le leni waali.....keep it up

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  5. सम्पूर्ण कविता
    इस कविता में आनंद आया है .

    बड़ी सुंदर रचना.

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  6. माँ शब्द कितना व्यापक है ,
    और कितना विस्तृत है उसका प्यार
    तुम्हारी कविताओं के माध्यम से प्रतिविम्बित हो रहा है ,

    कितनी ही बातें याद आई हैं ,तुम्हारे ब्लॉग पर आते ही जल्दी ही माँ के पास पहुँचो और जी भर कर रो लो ,इसी आशा के साथ .

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    1. wahin pahunchna aasan nahi hota jahaan mann pahunchna chahe! koi ek din to hai nahi ki maa ko yaad kiya jaaye..nirantar oorja ka strot hai unki yaad, unka pyar.

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  7. मातृदिवस की शुभकामनाएँ

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