अकेले ही दु:खी होना,
अकेले में प्रेम करना,
अकेले ही प्रेम को नकारना,
अकेले में गीत गाना
अकेले ही मुस्कुराना,
तमाम लोग हों आसपास
तो भी अकेले थिरकना,
क्या पता कौन
किसी कोमल पल में
साथ होने का एहसान जता दे!
क्या पता किसी को
अचानक अपने
अहम का नशा हो जाये!
क़दम दर क़दम
अकेले ही तुम चलना
इस क़दर ख़ामोश कि
तुम्हारा चलना,
मीलों मील
कोई जान ही न पाये।
अकेले ही जीवन पथ पर
कुसुम की तरह बिखरना,
विनम्र श्रद्धांजली की तरह
अकेले ही तुम मुरझाना।
-Poojanil
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