गुरुवार, 15 मई 2014

नाता

एक घर है जो महकता रहता है।
तेरे होने से चहकता रहता है।
तू बनाती है रोटी धरती सी
तेरे स्वाद से ये जीवन पाता है।
तू जागे तो रात सोये कहीं दूर,
तेरी आंखों से उजाला आता है।
तेरी बांहों में बसेरा हम सबका,
तेरी गर्मास में सिंका यह नाता है।